स्वामी रामदेव बाबा का सत्याग्रह एवं कांग्रेस सरकार का जवाब - सवालों के घेरे
कितने स्याह कितने सफेद
दिनांक 02.06.2011 गुरुवार को स्वामी रामदेव बाबा दिल्ली हवाई जहाज से पहुंचे।
4 मंत्रियों ने स्वागत एवं वार्ता का भाव अभिव्यक्त किया। उनके द्वारा उठाए गए
मुद्दों पर तत्परता दिखाई। स्वामी रामदेव को उपेक्षित करती इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
का संदेश अनशन सरकार को हिलाने वाला है। बार-बार सरकार के मंत्रियों व स्वामी
रामदेव जी की वार्ता के दौर पंचतारा होटल में 03.06.2011 शुक्रवार सायं तक चले
और 90% तक मांगे सहमति के दायरे में कही जाने लगी। इसके बाद बाबा 04.06.2011
शनिवार शाम तक स्वामी रामदेव अनेक अवसर पर कुछ संकेत मांगे माने जाने या फिर
आने वाले समय में आंदोलन गिरफ्तारी के लिए तैयार होने का अपने कार्यकर्ताओं से
करते देखे गए। सरकार की ओर से मंत्री कपिल सिब्बल भी "एक दिन में सब नहीं हो
जाता पर अधिकांश पर सहमति" की बातें करते देते देखे गए। इस दिन सायं 5 से 7 तक
दोनों तरफ से वार्ताओं का दौर फोन पर चला और कमेटी बनाम कार्यवाही के द्वंद्व
का अंत आचार्य बालकृष्ण द्वारा 03.06.11 को लिखी गई चिट्ठी कपिल सिब्बल द्वारा
प्रेस कांफ्रेंस में बांटने के साथ हुआ ; इसे स्वामी रामदेव ने "कुटिलता" व
मीडिया ने "फिक्स अनशन" जैसा पेश किया। सुबोध कांत सहाय रात्रि 11.00 बजे तक
स्वामी जी समझ जाएंगे-मान जाएंगे कहते नजर आए। कांग्रेस व सोनिया प्रवक्ता
सिंघवी व दिग्विजय सिंह निरंतर कटु व कड़े सुरों के साथ थे। और इसके बाद रात्रि
यानि 05.06.2011 की शुरुआत हजारों पुलिस व अर्ध सैनिक बलों के साथ रामलीला
मैदान घेर कर हुई संघर्ष, महिला बाल व वृद्ध के साथ इस रात जैसा चला और शांति
की अपील करते हुए स्वामी रामदेव रात्रि 2.30 बजे तक नजर आए। तीन दिनों से
पंचतारा कहे जाने वाले पांडाल को रविवार सुबह तक शनि की नज़र लग चुकी थी। कहीं
आग, कहीं खून, बिखरा सामान, भक्त रूपी आम कार्यकर्ता धक्के खाकर रात को सड़कों
पर, रामलीला मैदान से दूर जंतर मंतर या स्टेशन की तरफ जाते हुए ये भारत के आम
जन किस हाल में थे और इनको इस हाल में लाने वाले विशिष्ट लोगों तक कोई मीडिया
ट्रायल लेने नहीं पहुंचा। रामलीला मैदान को धारा 144 के तहत लाकर "आशंकाओं के
चलते" भरी पूरी रात को "इजाज़त" रद्द कर दिल्ली प्रशासन विदेशी सत्ता जैसा ही
लग रहा था। यह सब आपने भी देखा होगा निवेदन है कि कुछ सवाल गणतंत्र की हजारों
साल पुरानी परंपरा वाले राष्ट्र के लोगों से हैं, 1950 के बाद बने पंथनिरपेक्ष
प्रजातंत्र में वे क्या उत्तर देते हैं उनके यानि आपके तथा अन्य लोगों के उत्तर
भी सवाल के बाद सामने होंगे वे फैसला देंगे की क्या है लोक बनाम तंत्र !
लेखक, अभिनेता, वकील, व्यापारी जब राजनीति के साथ अपने कार्य के लिए स्वतंत्र
हैं ( सरकारी कर्मचारी को छोड़कर ) तो आपकी दृष्टि में योग गुरु स्वामी रामदेव
द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध सत्याग्रह अनशन करना उचित है या नहीं *
- हां Yes
- नहीं No
- शायद हां Maybe Yes
- शायद नहीं Maybe No
- कुछ पक्का नहीं Not Sure
- कुछ कह नहीं सकते Can't say
आपकी दृष्टि में "धर्म या संस्कृति" वर्तमान प्रजातंत्र में "वोट राजनीति के
अल्पसंख्यकवाद" से भिन्न "भारत राष्ट्र की पहचान" कराने वाले तत्व हैं या नहीं
*
- हां Yes
- नहीं No
- सहमत Surely Yes
- बिलकुल नहीं Surely No
- कुछ कह नहीं सकते Can't say
अन्ना हजारे तथा उनकी सिविल सोसायटी टीम अपने आप को सेक्यूलर दिखाने के लिए
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ RSS व उसके समर्थकों से दूरी भ्रष्टाचार के विरुद्ध
आंदोलन से ज्यादा जरूरी समझती है *
- हां Yes
- नहीं No
- सहमत Surely Yes
- बिलकुल नहीं Surely No
- कुछ कह नहीं सकते Can't say
- Other:
स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण द्वारा अनशन के दौरान चिट्ठी लिख कर दिए
जाने की बात कार्यकर्ताओं को स्पष्ट रूप से न बता पाना क्या कहा जाएगा *
- कमजोरी, जो आंदोलनकारियों व खुद के जान बचाने के भाव के कारण थी
- चालाकी, अनशन पर बैठने के बाद अवसर देखकर चलने का विचार
- होशियारी, सरकार पर दबाव बनाकर 100% मांग मनवाने की कोशिश में
- टकराव, इतने बड़ी भक्त संख्या देखकर पासा पलट लेना
- समझदारी, सरकार व जनता दोनों में वाहवाही लेने के विचार से
- Other:
कालाधन, भ्रष्टाचार के विरुद्ध तथा लोकपाल विधेयक के लिए सरकार पर भारी दबाव
बनाने के लिए गैर राजनीतिक संयुक्त मोर्चा स्वामी रामदेव या अन्ना अब बना
पाएंगे *
- हां
- नहीं
- निश्चय ही बनेगा
- कदापि नहीं बन सकता
- कह नहीं सकते
कालाधन, भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस भले ही आंदोलनों को चतुराई से दबा -
बिखेर पाई है लेकिन उसकी छवि जनता में और खराब हो रही है *
- हां
- नहीं
- निश्चय ही
- कदापि नहीं
- कह नहीं सकते
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स्वामी रामदेव बाबा का सत्याग्रह एवं कांग्रेस सरकार का जवाब - सवालों के घेरे
कितने स्याह कितने सफेद
दिनांक 02.06.2011 गुरुवार को स्वामी रामदेव बाबा दिल्ली हवाई जहाज से पहुंचे।
4 मंत्रियों ने स्वागत एवं वार्ता का भाव अभिव्यक्त किया। उनके द्वारा उठाए गए
मुद्दों पर तत्परता दिखाई। स्वामी रामदेव को उपेक्षित करती इलेक्ट्रॉनिक मीडिया
का संदेश अनशन सरकार को हिलाने वाला है। बार-बार सरकार के मंत्रियों व स्वामी
रामदेव जी की वार्ता के दौर पंचतारा होटल में 03.06.2011 शुक्रवार सायं तक चले
और 90% तक मांगे सहमति के दायरे में कही जाने लगी। इसके बाद बाबा 04.06.2011
शनिवार शाम तक स्वामी रामदेव अनेक अवसर पर कुछ संकेत मांगे माने जाने या फिर
आने वाले समय में आंदोलन गिरफ्तारी के लिए तैयार होने का अपने कार्यकर्ताओं से
करते देखे गए। सरकार की ओर से मंत्री कपिल सिब्बल भी "एक दिन में सब नहीं हो
जाता पर अधिकांश पर सहमति" की बातें करते देते देखे गए। इस दिन सायं 5 से 7 तक
दोनों तरफ से वार्ताओं का दौर फोन पर चला और कमेटी बनाम कार्यवाही के द्वंद्व
का अंत आचार्य बालकृष्ण द्वारा 03.06.11 को लिखी गई चिट्ठी कपिल सिब्बल द्वारा
प्रेस कांफ्रेंस में बांटने के साथ हुआ ; इसे स्वामी रामदेव ने "कुटिलता" व
मीडिया ने "फिक्स अनशन" जैसा पेश किया। सुबोध कांत सहाय रात्रि 11.00 बजे तक
स्वामी जी समझ जाएंगे-मान जाएंगे कहते नजर आए। कांग्रेस व सोनिया प्रवक्ता
सिंघवी व दिग्विजय सिंह निरंतर कटु व कड़े सुरों के साथ थे। और इसके बाद रात्रि
यानि 05.06.2011 की शुरुआत हजारों पुलिस व अर्ध सैनिक बलों के साथ रामलीला
मैदान घेर कर हुई संघर्ष, महिला बाल व वृद्ध के साथ इस रात जैसा चला और शांति
की अपील करते हुए स्वामी रामदेव रात्रि 2.30 बजे तक नजर आए। तीन दिनों से
पंचतारा कहे जाने वाले पांडाल को रविवार सुबह तक शनि की नज़र लग चुकी थी। कहीं
आग, कहीं खून, बिखरा सामान, भक्त रूपी आम कार्यकर्ता धक्के खाकर रात को सड़कों
पर, रामलीला मैदान से दूर जंतर मंतर या स्टेशन की तरफ जाते हुए ये भारत के आम
जन किस हाल में थे और इनको इस हाल में लाने वाले विशिष्ट लोगों तक कोई मीडिया
ट्रायल लेने नहीं पहुंचा। रामलीला मैदान को धारा 144 के तहत लाकर "आशंकाओं के
चलते" भरी पूरी रात को "इजाज़त" रद्द कर दिल्ली प्रशासन विदेशी सत्ता जैसा ही
लग रहा था। यह सब आपने भी देखा होगा निवेदन है कि कुछ सवाल गणतंत्र की हजारों
साल पुरानी परंपरा वाले राष्ट्र के लोगों से हैं, 1950 के बाद बने पंथनिरपेक्ष
प्रजातंत्र में वे क्या उत्तर देते हैं उनके यानि आपके तथा अन्य लोगों के उत्तर
भी सवाल के बाद सामने होंगे वे फैसला देंगे की क्या है लोक बनाम तंत्र !
लेखक, अभिनेता, वकील, व्यापारी जब राजनीति के साथ अपने कार्य के लिए स्वतंत्र
हैं ( सरकारी कर्मचारी को छोड़कर ) तो आपकी दृष्टि में योग गुरु स्वामी रामदेव
द्वारा भ्रष्टाचार के विरुद्ध सत्याग्रह अनशन करना उचित है या नहीं *
- हां Yes
- नहीं No
- शायद हां Maybe Yes
- शायद नहीं Maybe No
- कुछ पक्का नहीं Not Sure
- कुछ कह नहीं सकते Can't say
आपकी दृष्टि में "धर्म या संस्कृति" वर्तमान प्रजातंत्र में "वोट राजनीति के
अल्पसंख्यकवाद" से भिन्न "भारत राष्ट्र की पहचान" कराने वाले तत्व हैं या नहीं
*
- हां Yes
- नहीं No
- सहमत Surely Yes
- बिलकुल नहीं Surely No
- कुछ कह नहीं सकते Can't say
अन्ना हजारे तथा उनकी सिविल सोसायटी टीम अपने आप को सेक्यूलर दिखाने के लिए
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ RSS व उसके समर्थकों से दूरी भ्रष्टाचार के विरुद्ध
आंदोलन से ज्यादा जरूरी समझती है *
- हां Yes
- नहीं No
- सहमत Surely Yes
- बिलकुल नहीं Surely No
- कुछ कह नहीं सकते Can't say
- Other:
स्वामी रामदेव एवं आचार्य बालकृष्ण द्वारा अनशन के दौरान चिट्ठी लिख कर दिए
जाने की बात कार्यकर्ताओं को स्पष्ट रूप से न बता पाना क्या कहा जाएगा *
- कमजोरी, जो आंदोलनकारियों व खुद के जान बचाने के भाव के कारण थी
- चालाकी, अनशन पर बैठने के बाद अवसर देखकर चलने का विचार
- होशियारी, सरकार पर दबाव बनाकर 100% मांग मनवाने की कोशिश में
- टकराव, इतने बड़ी भक्त संख्या देखकर पासा पलट लेना
- समझदारी, सरकार व जनता दोनों में वाहवाही लेने के विचार से
- Other:
कालाधन, भ्रष्टाचार के विरुद्ध तथा लोकपाल विधेयक के लिए सरकार पर भारी दबाव
बनाने के लिए गैर राजनीतिक संयुक्त मोर्चा स्वामी रामदेव या अन्ना अब बना
पाएंगे *
- हां
- नहीं
- निश्चय ही बनेगा
- कदापि नहीं बन सकता
- कह नहीं सकते
कालाधन, भ्रष्टाचार के मामले में कांग्रेस भले ही आंदोलनों को चतुराई से दबा -
बिखेर पाई है लेकिन उसकी छवि जनता में और खराब हो रही है *
- हां
- नहीं
- निश्चय ही
- कदापि नहीं
- कह नहीं सकते
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